पुण्यतिथि पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन
आरा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के छठे पुण्यतिथि पर काव्य की गोदी संस्था के बैनर तले पूर्व निगम पार्षद सह समाजसेवी डॉ जितेंद्र शुक्ल के आवास पर कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि रेड क्रॉस सोसाइटी के संरक्षक सदस्य हरेंद्र प्रसाद सिंह, विश्वनाथ सिंह, वरीय अधिवक्ता गुंजय कुमार रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एवं सृजन के संपादक संतोष श्रेयांश ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी गई। मुख्य अतिथि हरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा की राजनीति में रहते हुए अटल जी ने साहित्य को नहीं छोड़ा, उनका जीवन प्रेरक है। कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ कवि संतोष श्रेयांश ने कहा कि पक्ष विपक्ष को साथ लेकर चलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री सर्वमान्य नेता रहे और आजीवन कलम के साधक रहे। उन्होंने अपनी कविता में गाँव से गुम होती परंपराओं का ज़िक्र किया।वहीं डॉ जितेंद्र शुक्ल ने अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे सिर्फ़ कुशल राजनीतिज्ञ ही नहीं थे, बल्कि साहित्य प्रेमी व कवि भी थे। आम जीवन से जुड़ी कविता प्रस्तुत की।
वहीं काव्य की गोदी संस्था की अध्यक्षा कवियित्री मधुलिका सिन्हा ने इस अवसर पर अटल जी के काव्य संग्रह को समेटे हुए कविता “कह गए अटल” प्रस्तुत की।वहीं कवि राकेश गुड्डू ओझा ने गाँव त आपन शहर हो गइल कविता से गाँव की बदलती रूपरेखा को दिखाया।इस अवसर पर कवि आशीष उपाध्याय ने अटल जी के संघर्षों को दिखाती “कहाँ आसान है अटल बनना” कविता प्रस्तुत की तो कवि डॉ प्रेमसागर पांडेय ने शृंगार रस की अपनी कविता “पहला इश्क़ मुकम्मल हो गया” प्रस्तुत किया। मंच संचालन करते हुए पत्रकार रूपेन्द्र मिश्र ने “जिसका जीवन प्रेरक हो जाए, वो अटल है” कविता प्रस्तुत करते हुए श्रद्धांजलि व्यक्त की। धन्यवाद ज्ञापन डॉ जितेंद्र शुक्ल ने किया। इस अवसर पर अजीत भट्ट, सुरेश उपाध्याय, हरेंद्र ओझा, रमाकान्त शुक्ला, हीराकांत ओझा, कृष्ण कुमार, सत्येन्द्र तिवारी, सोनू सिंह, प्रियरंजन सिन्हा समेत कई लोग उपस्थित रहे।